चर्वण दंत सरस खाद्य खाने योग्य होते हैं और घास, टहनी जेसे रूखे खाद्य खाने लायक नहीं होते।
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चर्वण दंत सरस खाद्य खाने योग्य होते हैं और घास, टहनी जेसे रूखे खाद्य खाने लायक नहीं होते।
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इसमें कुछ ऐसे भी गुण थे जो वर्तमान मनुष्य के नहीं मिलते, जैसे कपालगुहा के आयतन का 1,600 घन सेंमीदृ (मनुष्य से अधिक) होना और चर्वण दंत गुहिका का बहुत बड़ा होना।
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इसमें कुछ ऐसे भी गुण थे जो वर्तमान मनुष्य के नहीं मिलते, जैसे कपालगुहा के आयतन का 1,600 घन सेंमीदृ (मनुष्य से अधिक) होना और चर्वण दंत गुहिका का बहुत बड़ा होना।
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आयु के अनुसार दांत दो तरह के होते हैंः दुग्ध दांत: ये अस्थायी दांत गिनती में बीस होते हैं-दस ऊपर के जबड़े में और दस नीचे के जबड़े में और जबड़े के दायें और बायें पांच-पांच दांत होते हैं, जिनमें दो छेदक, एक श्वदंत, दो चर्वण दंत होते हैं।